मैं तो कहता हूँ कि सर्जिकल स्ट्राइक हर रोज होनी चाहिए
दो जवान इधर गिरे तो दो उधर भी गिरने चाहिए
सुनी पड़ी उस माँ की गोद को सुकून मिलना चाहिए
जिसने खोया अपना रत्न भारत की शान में उस माँ को भारत रत्न मिलना चाहिए
मैं तो कहता हूँ कि सर्जिकल स्ट्राइक हर रोज होनी चाहिए
साँस रहे जब तक सिने में जूनून खत्म न होना चाहिए
होठो पे गंगा, हाथ में तरंगा
दिल में जोश इतना हो की दुश्मन हैरान होना चाहिए
मैं तो कहता हूँ कि सर्जिकल स्ट्राइक हर रोज होनी चाहिए
होना नहीं गुलाम मौत के और आतंक के समंदर में
अपनी किश्ती न डूबने देना
आखरी साँस निकले जब तक सिने से
आतंक का नाम और निशान मिटना चाहिए
मैं तो कहता हूँ कि सर्जिकल स्ट्राइक हर रोज होनी चाहिए
हमने मनाई दिवालिया यहां पर वो ताने बन्दूक पहरेदार रहे
भुजने न दी लौ दियो की और दूर अपनों से हर त्यौहार रहे
उनका भी सम्मान होना चाहिए
मैं तो कहता हूँ कि सर्जिकल स्ट्राइक हर रोज होनी चाहिए
लेखक :- नवीन भुक्कल
दो जवान इधर गिरे तो दो उधर भी गिरने चाहिए
सुनी पड़ी उस माँ की गोद को सुकून मिलना चाहिए
जिसने खोया अपना रत्न भारत की शान में उस माँ को भारत रत्न मिलना चाहिए
मैं तो कहता हूँ कि सर्जिकल स्ट्राइक हर रोज होनी चाहिए
साँस रहे जब तक सिने में जूनून खत्म न होना चाहिए
होठो पे गंगा, हाथ में तरंगा
दिल में जोश इतना हो की दुश्मन हैरान होना चाहिए
मैं तो कहता हूँ कि सर्जिकल स्ट्राइक हर रोज होनी चाहिए
होना नहीं गुलाम मौत के और आतंक के समंदर में
अपनी किश्ती न डूबने देना
आखरी साँस निकले जब तक सिने से
आतंक का नाम और निशान मिटना चाहिए
मैं तो कहता हूँ कि सर्जिकल स्ट्राइक हर रोज होनी चाहिए
हमने मनाई दिवालिया यहां पर वो ताने बन्दूक पहरेदार रहे
भुजने न दी लौ दियो की और दूर अपनों से हर त्यौहार रहे
उनका भी सम्मान होना चाहिए
मैं तो कहता हूँ कि सर्जिकल स्ट्राइक हर रोज होनी चाहिए
लेखक :- नवीन भुक्कल
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